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इस साल चैत नवरात्रि इस दिन से हो रही है शुरू

पटना शक्ति की उपासना का महापर्व चैती नवरात्र 09 अप्रैल से प्रारम्भ होने जा रही है इस दौरान लोग माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करेंगे पटना के शक्तिपीठ श्री छोटी पाटन देवी के आचार्य पंडित विवेक द्विवेदी बताते हैं कि 9 अप्रैल को कलश स्थापन के साथ ही पहली पूजा प्रारम्भ हो जाएगी इसके साथ ही हिन्दू नववर्ष भी प्रारम्भ हो जाएगा पंडित विवेक द्विवेदी बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि हिन्दू नववर्ष के प्रथम दिन से प्रारम्भ होती है

बन रहा शुभ संयोग
पंडित विवेक द्विवेदी की मानें तो मां दुर्गा नवरात्रि पर पृथ्वी पर हर बार किसी न किसी सवारी पर सवार होकर आती हैं इस वर्ष चैत नवरात्रि मंगलवार 09 अप्रैल से प्रारम्भ हो रही है मंगलवार का दिन होने के कारण मां दुर्गा का गाड़ी घोड़ा होगा पंडित विवेक द्विवेदी Local 18 को बताते हैं कि बहुत से लोग घोड़े की सवारी पर मां दुर्गा के आगमन को अशुभ मानते हैं, पर ऐसा है नहीं पंडित विवेक आगे कहते हैं कि दरअसल, घोड़े पर मां दुर्गा का आगमन बदलाव कारक और अंततः फलदाई ही सिद्ध होगा जबकि, इस बार मां दुर्गा का प्रस्थान हाथी पर होगा, जो समृद्धि देने वाला होगा

जानें शुभ मुहूर्त
पंडित विवेक द्विवेदी की मानें तो इस वर्ष चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को रात 11:50 बजे से प्रारम्भ होगी, जो 9 अप्रैल को रात 08:30 बजे खत्म होगी इस कारण 09 अप्रैल को दो शुभ योग अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि बन रहा है पंडित विवेक द्विवेदी आगे बताते हैं कि सच्चे मन से स्वच्छ होकर 09 दिनों तक माता की आराधना करने वाले भक्तों के सभी कष्ट माता हर लेती हैं वे आगे बताते हैं कि माता को लाल चुनरी, लाल वस्त्र, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी, तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, फल-मिठाई और कलावा चढ़ाया जा सकता है

ऐसे करें कलश की स्थापना
पंडित विवेक द्विवेदी ने कहा कि कलश स्थापना मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए और मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए इसके लिए सबसे पहले उस स्थान को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें

किस दिन किस देवी की होगी पूजा?
पंडित विवेक द्विवेदी बताते हैं कि 09 अप्रैल को कलश स्थापना और माता शैलपुत्री की पूजा होगी इसके बाद दूसरे दिन 10 अप्रैल को माता ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन 11 अप्रैल को माता चंद्रघंटा, चौथे दिन 12 अप्रैल को माता कुष्मांडा, पांचवें दिन 13 अप्रैल को स्कंदमाता और महाषष्ठी रविवार 14 अप्रैल को माता कात्यायनी की पूजा होगी

महासप्तमी 15 अप्रैल को होगी, जिसमें माता कालरात्रि की पूजा होगा वहीं, 16 अप्रैल को महाष्टमी व्रत और माता महागौरी की पूजा होगी इसके बाद 17 अप्रैल को महानवमी को माता सिद्धिरात्रि और 18 अप्रैल को दशमी को पारण और दुर्गा विसर्जन के साथ नवरात्रि खत्म होगी

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