यूपीएससी परीक्षा का परिणाम जारी, अब अफसर बना दुकानदार का बेटा
कोडरमा। संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा यूपीएससी परीक्षा का रिज़ल्ट जारी कर दिया गया है। कोडरमा के झुमरी तिलैया बाईपास रोड निवासी श्याम नंदन सिंह और रंजू सिंह के पुत्र सिद्धांत कुमार ने UPSC में बहुत बढ़िया कामयाबी प्राप्त कर पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। तीन बार लगातार परीक्षा में असफलता मिलने के बावजूद सिद्धांत ने हार नहीं मानी और चौथे कोशिश में बेहतर अंक हासिल किया है।
लोकल 18 से विशेष वार्ता में सिद्धांत कुमार ने कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक विद्यालय राजवंशी नगर पटना से हुई है। यहां से उन्होंने साल 2013 में 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद केरल के कोच्चि यूनिवर्सिटी से उन्होंने साल 2017 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डिग्री हासिल की। सिद्धांत ने कहा कि इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद लंदन की एक कंपनी में उनका 17 लाख रुपए की पैकेज पर प्लेसमेंट हुआ था, लेकिन उनकी ख़्वाहिश प्रारम्भ से ही सिविल सेवा में जाने की थी। ऐसे में उन्होंने 17 लाख रुपए के ऑफर को अस्वीकार कर दिया और अपने राष्ट्र में रहकर यूपीएससी की तैयारी प्रारम्भ की।
तीन बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार
उन्होंने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा के पहले कोशिश में उन्हें असफलता हाथ लगी। इसके बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। दूसरे कोशिश में वह साक्षात्कार तक पहुंचे, लेकिन उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी। हालांकि इसके बाद तीसरे कोशिश में भी उन्हें कामयाबी हाथ नहीं लगी। जिसके बाद उन्होंने अपनी कमियों पर अधिक ध्यान देकर स्वअध्ययन पर अधिक बल दिया और चौथे कोशिश में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी प्राप्त करते हुए ऑल इण्डिया रैंक 114 प्राप्त किया है।
पिता चलाते हैं हार्डवेयर की दुकान
उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तैयारी को लेकर उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्थान से शिक्षा नहीं ली, बल्कि औनलाइन मौजूद सामग्रियों का स्वअध्ययन कर इसमें कामयाबी प्राप्त की है। सिद्धांत ने कहा कि संयम और लगन और स्मार्ट वर्क के साथ राष्ट्र की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा यूपीएससी को भी बड़े ही सरलता से क्रैक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनके पिता पटना में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं जबकि माता गृहणी हैं।
8 से 10 घंटे तक की पढ़ाई
सिद्धांत ने बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित 66वीं बीपीएससी 2022 की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 5वीं रैंक प्राप्त की ती। अभी पटना में असिस्टेंट स्टेट सेल्स कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि औनलाइन पढ़ाई के दौरान वह सोशल मीडिया के डिस्ट्रैक्शन से बचने के लिए केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान देते थे। रोजाना करीब 8 से 10 घंटे तक स्वअध्ययन से उन्होंने अपनी तैयारी को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के अतिरिक्त क्रिकेट खेलने में उनकी रुचि रही है।