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जानें कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह, जिनको प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने खेला दांव

Thakur Vishwadeep Singh Firozabad बीजेपी Candidate: बीजेपी ने मंगलवार 16 अप्रैल को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की 12वीं सूची जारी कर दी. जिसमें उत्तर प्रदेश से भी दो नाम शामिल हैं. पार्टी ने देवरिया से शंशाक मणि त्रिपाठी और फिरोजाबाद से विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. कुल मिलाकर बीजेपी अब तक उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटों पर उम्मीदवारों का घोषणा कर चुकी हैं.

पार्टी ने फिरोजाबाद सीट से चंद्रसेन सिंह जादौन का टिकट काटकर ठाकुर विश्वदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अक्षय यादव को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है. बता दें कि इससे पहले ठाकुर विश्वदीप सिंह बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. उल्लेखनीय है कि इस सीट के लिए पार्टी को अमीर प्रत्याशी की तलाश थी जो कि विश्वदीप सिंह पर आकर पूरी हुई विश्वदीप सिंह क्षेत्र में लोकप्रिय होने के साथ ही कई काॅलेजों के मालिक भी हैं. ऐसे में वे बीजेपी के हर पैरामीटर पर खरे उतरे इसलिए पार्टी ने अंतिम मौके पर टिकट उनकी झोली में डाल दिया.

जानें कौन हैं ठाकुर विश्वदीप सिंह

ठाकुर विश्वदीप सिंह शिक्षाविद हैं. वह जिले में कई विद्यालय और काॅलेजों का संचालन करते हैं. इनके पिता ठाकुर ब्रजराज सिंह 1957 में फिरोजाबाद से निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं. वर्ष 2014 में विश्वदीप सिंह ने हाथी पर सवार होकर संसद पहुंचने की प्रयास की थी, लेकिन चुनाव में वे तीसरे जगह पर रहे थे.

2009 में अखिलेश ने जमाया था इस सीट पर कब्जा

जानकारी के मुताबिक पार्टी को इस सीट से लोधी या यादव समाज के जुड़े आदमी की तलाश थी क्योंकि समाजवादी पार्टी ने इस बार अक्षय यादव को मैदान में उतारा है. मैनपुरी की तरह फिरोजाबाद सीट भी समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है. 2009 का लोकसभा चुनाव अखिलेश ने यहां से लड़कर जीता था. 2012 में जब वे मुख्यमंत्री बन गए तो उन्होंने सांसदी से त्याग-पत्र दे दिया. इसके बाद हुए उपचुनाव ने मुलायम ने बहु डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह कांग्रेस पार्टी के राजबब्बर से चुनाव हार गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अक्षय को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने यहां से जीत दर्ज की.

2019 में समाजवादी पार्टी को मिली हार

2019 का लोकसभा चुनाव आते-आते मुलायम सिंह का कुनबा पूरी तरह बिखर चुका था. इसका बीजेपी को लाभ मिला. हालांकि समाजवादी पार्टी ने दूसरी बार भी अक्षय को चुनाव लड़ाया लेकिन शिवपाल की नाराजगी के चलते कुछ यादव वोट बीजेपी में चले गए जिससे यहां बीजेपी के चंद्रसेन जादौन जीत गए. ऐसे में समाजवादी पार्टी इस बार इस सीट को जीतने के लिए पूरा दमखम लगा रही है.

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