जेपी नड्डा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा…
देश के अनेक सियासी दल लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए लगातार चुनावी रैली और रोड शो कर रहे हैं. चुनाव प्रचार जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे सियासी दल एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं.
‘एनडीए – 400 पार’ के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी ने एक बार फिर से तुष्टिकरण और धर्म के आधार पर आरक्षण के मामले पर कांग्रेस पार्टी की तुलना मुसलमान लीग से करते हुए राष्ट्र की प्रमुख विपक्षी पार्टी को घेरना प्रारम्भ कर दिया है.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी पर धावा बोलते हुए इल्जाम लगाया है कि कांग्रेस पार्टी सत्ता के लिए फिर से राष्ट्र को बांटने की प्रयास कर रही है.
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पार्टी की तीखी निंदा करते हुए बोला कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र देखा जिसे देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र है या मुसलमान लीग का घोषणा पत्र है. नड्डा ने बोला कि कांग्रेस पार्टी को जनता ने बार-बार नकारा है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही है.
उन्होने बोला कि राष्ट्र को बांटने के लिए और सत्ता को पाने के लिए कांग्रेस पार्टी किस हद तक जा सकती है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. राहुल गांधी को भी इसका उत्तर देना चाहिए कि केरल के वायनाड से उनके नामांकन के समय कांग्रेस पार्टी के झंडे क्यों गायब थे,आखिर यह तुष्टिकरण की राजनीति कहां तक जाएगी?
उन्होंने इल्जाम लगाया कि केवल मुसलमान लीग के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने झंडे तक हटा दिए थे. मुसलमान लीग ने साल 1929 में धर्म के आधार पर जिस आरक्षण की बात कही थी, आज उसी बात को कांग्रेस पार्टी पार्टी दोहरा रही है. आज अल्पसंख्यक के लिए जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की जा रही है और जो 50 फीसदी से अधिक आरक्षण की बात है, वह किसके लिए की जा रही है, कांग्रेस पार्टी को यह साफ करना पड़ेगा.
जेपी नड्डा ने बोला कि राष्ट्र को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए गवर्नमेंट के कार्यकाल में इन्होंने बहुसंख्यक समुदाय के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया था, जो संसद से पारित नहीं हो पाया था लेकिन इससे कांग्रेस पार्टी की मंशा सामने आ गई थी. तुष्टिकरण की राजनीति के लिए राष्ट्र की जनता ने कांग्रेस पार्टी को माफ नहीं किया है और आगे भी माफ नहीं करेगी.
उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में जिस तरह तुष्टिकरण और आरक्षण के संबंध में बोला है, उसका स्पष्टीकरण इन्हें देना पड़ेगा, राष्ट्र की जनता को बताना पड़ेगा.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र ने बीजेपी को एक बड़ा सियासी अवसर दे दिया है जिसे बार-बार उठाकर बीजेपी के आला नेता एक तरफ जहां अपने कैडर बहुसंख्यक वोट बैंक को मजबूती से पार्टी के साथ बनाए रखना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मामले के सहारे युवा मतदाताओं खासकर फर्स्ट टाइम वोटर्स को भी कांग्रेस पार्टी के इतिहास और उसकी मंशा को लेकर बड़ा सियासी संदेश देना चाहते हैं.