राष्ट्रीय

पूर्व डीएमके नेता और अन्य चार के खिलाफ आरोप पत्र किया दायर

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने 2000 करोड़ रुपये के अंतर्राष्ट्रीय नशीला पदार्थ स्मग्लिंग गिरोह के सिलसिले में निष्कासित डीएमके नेता जाफर सादिक और चार अन्य के विरुद्ध इल्जाम पत्र दाखिल किया है. संघीय नशीला द्रव्य रोधी एजेंसी ने पिछले हफ्ते यहां एक नामित न्यायालय के समक्ष नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अनुसार अभियोजन कम्पलेन दर्ज की.

 

एनसीबी की चार्जशीट

 

रिपोर्ट्स के अनुसार, जाफर सादिक अब्दुल रहमान और उसके चार कथित सहयोगियों को एनसीबी की चार्जशीट में आरोपी कहा गया है. 36 वर्षीय तमिल फिल्म निर्माता को पिछले महीने एनसीबी ने 2000 करोड़ रुपये से अधिक की मूल्य वाली लगभग 3500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन की स्मग्लिंग में कथित संलिप्तता के लिए अरैस्ट किया था. उनकी गिरफ्तारी तब हुई, जब एजेंसी ने फरवरी में तीन लोगों को अरैस्ट किया, जो सभी तमिलनाडु के रहने वाले थे और दिल्ली के बसई दारापुर क्षेत्र में सादिक की कंपनी एवेंटा के एक गोदाम पर छापेमारी के दौरान 50 किलोग्राम नशीले पदार्थ बनाने वाला रसायन स्यूडोएफेड्रिन बरामद किया.

 

स्यूडोएफेड्रिन की तस्करी

 

एनसीबी ने दावा किया था कि अरैस्ट किए गए तीन लोगों और सादिक ने उन्हें कहा किया कि पिछले तीन सालों में उनके द्वारा कुल 45 स्यूडोएफेड्रिन की खेप भेजी गई थी, जिसमें लगभग 3500 किलोग्राम स्यूडोएफेड्रिन था, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मूल्य 2000 करोड़ रुपये से अधिक थी. आरोपी कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में स्वास्थ्य-मिश्रण पाउडर और सूखे नारियल के रूप में स्यूडोएफेड्रिन की स्मग्लिंग के माध्यम से एक अंतर्राष्ट्रीय नशीला पदार्थ स्मग्लिंग सिंडिकेट चलाता था.

 

 

सादिक का ड्रग्स नेटवर्क

 

एनसीबी ने बोला है कि सादिक के तमिल और हिंदी फिल्म फाइनेंसरों के साथ संबंध की जांच की जा रही है, जिसमें कुछ हाई-प्रोफाइल लोग के शामिल होने और सियासी फंडिंग का संदेह है. सादिक को फरवरी में सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा निष्कासित कर दिया गया था, क्योंकि एनसीबी की जांच में उसका नाम ड्रग्स नेटवर्क से जुड़ा और नेटवर्क से कथित संबंधों के बारे में खुलासा हुआ. तमिलनाडु के कानून मंत्री और डीएमके नेता एस रेगुपति ने पिछले महीने बोला था कि उनकी पार्टी का सादिक के साथ कोई संबंध नहीं है.

 

सादिक को मिलता था इतना कमीशन

 

एनसीबी के अनुसार, सादिक ने कथित तौर पर अपने ड्रग व्यापार के पैसे को फिल्म निर्माण, रियल एस्टेट और आतिथ्य सहित अन्य प्रमुख या गुप्त व्यवसायों में निवेश किया था. ‘मंगई’ नाम की एक तमिल फिल्म को आरोपी ने ड्रग के पैसे से पूरी तरह से वित्त पोषित किया था. एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले महीने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से बोला था कि उन्होंने चेन्नई में एक होटल भी बनाया है. सादिक को कथित तौर पर नशीले पदार्थों की स्मग्लिंग से प्रति किलोग्राम एक लाख रुपये कमीशन मिलता था. प्रवर्तन निदेशालय ने भी सादिक के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का मुद्दा दर्ज किया है और पिछले सप्ताह तमिलनाडु में उसके परिसरों और उससे जुड़े लोगों पर छापेमारी की थी.

 

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