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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर किया बड़ा खुलासा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर एक बड़ा खुलासा किया. पीएम ने बोला कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स से चंदा देने वाली 3 हजार कंपनियों में से केवल 26 कंपनियां ऐसी हैं जिनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई ने कोई कार्रवाई की. मोदी ने ये बात इस इल्जाम के उत्तर में कही कि कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का दबाव डालकर भाजपा ने उनसे चंदा लिया. इल्जाम ये भी है कि कई कंपनियां ऐसी हैं जिनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की और उसके बाद उन्होंने भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए पैसा दिया. पीएम ने कहा कि केवल 16 कंपनियां ऐसी हैं जिनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई होने के बाद उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे लेकिन इन कंपनियों के इलेक्टोरल बॉन्ड में से विरोधी दलों को 63 फीसदी चंदे मिले और भाजपा को केवल 37 फीसदी चंदे मिले. मोदी ने ये मिसाल देते हुए समझाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के लिए प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के इस्तेमाल का इल्जाम आधारहीन हैं. मोदी ने बोला कि इलेक्टोरल बॉन्ड का जो लोग आज विरोध कर रहे हैं, वे भविष्य में पछताएंगे क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम सियासी पार्टियों को मिलने वाले पैसे में पारदर्शिता लाने हेतु अच्छी नीयत से बनाई गई थी. मोदी ने बोला कि यदि इलेक्टोरल बॉन्ड न होते तो आज कैसे पता लगता कि किसने कितना पैसा किसको दिया है?

मोदी ED, सीबीआई के सियासी इस्तेमाल पर भी पहली बार बोले. उन्होंने बोला कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले 10 वर्ष में जितने मुकदमा दर्ज किए हैं, उनमें केवल 3 फीसदी ऐसे हैं, जो सियासी लोगों के विरुद्ध हैं. बाकी के 97 प्रतिशतक मुकदमा आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध हैं, जैसे तस्कर, ड्रग माफिया, बेनामी संपत्ति वाले अफसर. इसीलिए प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का सियासी विरोधियों के विरुद्ध बेजा इस्तेमाल का आरोप भी बेमानी है. मोदी ने बोला कि जो लोग ED, सीबीआई या चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को मामला बना रहे हैं, असल में उन्हें पता है कि उनकी हार तय है, इसलिए अभी से बहाने खोज रहे हैं. मोदी ने उन सारे मुद्दों पर खुल कर साफ-साफ बात की, जिनके बारे में राष्ट्र के लोग जानना चाहते हैं, जैसे इलेक्टोरल बॉन्ड, ED, सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल के इल्जाम, टैक्स पेयर्स के लिए मोदी का प्लान, चुनाव के दौरान सनातन और हिन्दुत्व का राजनीतिकरण, राम मंदिर मामला और मोदी की भावी योजनाएं. मोदी की ये बात तो ठीक है कि चुनाव में बड़े पैमाने पर काले धन का इल्तेमाल होता है जिसे रोकना महत्वपूर्ण है. चुनाव आयोग ने सोमवार को ही खुलासा किया है कि एक मार्च के बाद अब तक 4650 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है, करीब सौ करोड़ रुपये का कैश हर रोज बरामद किया जा रहा है.

विरोधी दलों के लिए चुनाव में दूसरा बड़ा मामला है, ED, सीबीआई की कार्रवाई. विरोधी दलों का आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों को डराने के लिए, चुनाव प्रचार से दूर रखने के लिए किया जा रहा है. इस पर मोदी ने लंबा उत्तर दिया. पीएम ने बोला कि पहली बात तो ये है कि जिन कानूनों के अनुसार कार्रवाई हे रही है, वे उनकी गवर्नमेंट ने नहीं बनाए हैं. दूसरी बात प्रवर्तन निदेशालय ने जितने मुकदमा दर्ज किए हैं, उनमें से केवल तीन प्रतिशत नेताओं या सियासी पार्टियों से जुड़े लोगों के विरुद्ध हैं. और तीसरी बात कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में प्रवर्तन निदेशालय ने केवल 34 लाख रुपये कैश बरामद किए थे जबकि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय 2200 करोड़ से अधिक का नकद बरामद कर चुकी है. मोदी ने बोला कि करप्शन राष्ट्र के लिए खतरनाक है, इसलिए करप्शन के विरुद्ध पूरी शिद्दत के साथ जंग जारी रहेगी. मोदी का साक्षात्कार प्रसारित होने के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी ने उत्तर दिया. राहुल ने बोला कि इलेक्टोरल बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा वसूली गिरोह है और मोदी  इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए वसूली के मास्टरमाइंड हैं. राहुल ने बोला कि मोदी की चोरी पकड़ी गई है इसीलिए उन्हें सफाई देनी पड़ रही है. आरोप-प्रत्यारोप अलग बात है, लेकिन ये ठीक है कि मोदी ने जो साक्षात्कार दिया उसमें उन्होंने अपने 10 वर्ष के काम गिनाए, आने वाले 25 वर्ष का विज़न कहा और ये भी कहा कि तीसरी बार गवर्नमेंट बनने के बाद पहले 100 दिन में वो क्या करेंगे, इसका प्लान उन्होंने तैयार कर लिया है. इससे आने वाले चुनाव में मोदी की जीत का विश्वास झलकता है.

विरोधी दलों का सबसे बड़ा इल्जाम है कि इस चुनाव में लेवल प्लेइंग फील्ड नहीं हैं, मोदी ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल करके विरोधी दलों को डराया, कई नेताओं को कारावास में डाल दिया और कई को अपनी पार्टियां छोड़ने के लिए विवश कर दिया. मोदी ने इन सारे प्रश्नों के उत्तर दिये. चुनाव के मौके पर विरोधी दलों का एक बड़ा आरोप ये भी है कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे की कमी है क्योंकि गवर्नमेंट ने उन्हें चंदा देने वालों को दबाकर रखा है. विरोधी दल कहते हैं कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से डराकर कंपनियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा को चंदा देने के लिए दबाव डाला गया. मोदी ने आंकड़ों के साथ इसका उत्तर दिया. उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई का सियासी इस्तेमाल करने का इल्जाम आधारहीन है. मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा धावा बोला, सनातन का अपमान करने के लिए कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाया. मोदी ने बोला कि DMK की विवशता समझ में आती है लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी संस्कृति को कैसे भूल गई? नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भी बात की और उन्होंने कहा कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने हमेशा इस बात की प्रयास कि राम मंदिर ना बन पाए. ज़ाहिर है, आस्था के मामले पर कांग्रेस पार्टी इस समय कमजोर पिच पर है.

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