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लोकसभा चुनाव: जानिए इन पांच सीटों का चुनावी इतिहास

रुहेलखंड के राजनीतिक मिजाज को समझना इतना सरल नहीं. यहां की जनता ने कई बाहरी प्रत्याशियों को जीत से नवाजा तो समय-समय पर कई सियासी सूरमाओं को भी चित कर दिया. बरेली मंडल की विभिन्न लोकसभा सीटों पर मेनका गांधी, शरद यादव, धर्मेंद्र यादव, संतोष गंगवार और जितेंद्र प्रसाद जैसे दिग्गजों को भी राजनीति में शिकस्त झेलनी पड़ी. यहां कभी राष्ट्रीय दलों का पलड़ा भारी रहा तो कभी क्षेत्रीय दल भी हावी रहे. शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर ज्यादातर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है. साल 1989 में जनता दल के प्रत्याशी सत्यपाल सिंह ने कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र प्रसाद को 9438 मतों से पराजित किया था. साल 1991 में भी सत्यपाल सिंह ने जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की. साल 1998 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े सत्यपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी के राममूर्ति सिंह को 22,685 वोट से हराया. साल 1999 में जितेंद्र प्रसाद और 2004 में उनके बेटे जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी से सांसद चुने गए. इन दोनों चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी चौथे जगह पर रहा.

वर्ष 2009 में शाहजहांपुर सीट आरक्षित हो गई तो जितिन प्रसाद धौरहरा से चुनाव लड़े. इस बार समाजवादी पार्टी के मिथलेश कुमार ने बीएसपी की सुनीता को 81,832 वोट से हराकर जीत दर्ज की. साल 2014 में बीजेपी की कृष्णा राज ने रिकॉर्ड 2,35,529 मतों से बीएसपी के उमेश कश्यप को पराजित किया. वर्ष 2019 में बीजेपी ने कृष्णा राज का टिकट काटकर अरुण सागर को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से अमर चंद्र मैदान में थे. भाजपा के अरुण सागर ने इस चुनाव में रिकॉर्ड 2,68,418 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. इस बार बीजेपी ने फिर अरुण सागर पर दांव लगाया है.

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