करोड़ों रुपये के घोटाले में दिल्ली की अदालत का फैसला

यस बैंक और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड घोटाला मुद्दे में दिल्ली के एक न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए शनिवार को वधावन बंधुओं को जमानत दे दी. आरोप था कि राणा कपूर के साथ मिलकर डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटरों कपिल और धीरज वधावन ने संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से 5,050 करोड़ रुपये के धन की हेरा-फेरी की थी.
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीते दिनों मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे में राणा कपूर, उनके परिवार, वधावन और अन्य के विरूद्ध विशेष न्यायालय में पंजीकृत अपने दूसरे पूरक (कुल मिलाकर तीसरे) चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र में बोला था कि जांच के दौरान प्रकाश में आया कि हेरा-फेरी करके अर्जित की गई आय का एक बड़ा हिस्सा राणा कपूर द्वारा विदेश स्थानांतरित किया गया. जो सीधे तौर पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अनुसार कुर्की के लिए मौजूद नहीं हैं.
आरोप पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने बोला था कि इस 5050 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी के इस पूरे मुद्दे में राणा कपूर, डीचएफएल के प्रोमोटर कपिल वधावन और धाीरज वधावन और अन्य एक-दूसरे से जुड़े हुए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने बोला कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये के डिबेंचर जनता के पैसे से खरीदे थे. इसी राशि डीएचएफएल को हस्तांतरित कर दी गई. इसके बाद, डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (राणा कपूर और उनके परिवार के स्वामित्व वाली एक इकाई) को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया.