नवजात सितारों ने उड़ाई इस तरह से धूल और गैस
तारों का शोध करते हुए वैज्ञानिकों को नवजात हालत के बारे में बहुत ही रोचक लेकिन अहम जानकारियां मिली हैं। उन्हें शिशु सितारों की निर्माण प्रक्रियाओं में निर्माण के शुरुआती चरणों पर एक नया नजरिया मिला है। उन्होंने इन घटनाओं को छींक करार दिया है जिसमें शिशु सितारों के आसपास धूल, गैस और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा छोड़ने वाली प्रोटोस्टेलर डिस्क शामिल रहती है।
शोधकर्ताओं ने द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित शोध में क्यूशू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चिली में आल्मा रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर ये नतीजे हासिल किए है। टीम ने हाल ही में इन नवजात सितारों के आसपास दिलचस्प घटनाएं देखीं। तारे, जिनमें हमारा सूर्य भी शामिल है, तारकीय नर्सरी से निकलते हैं, जो वास्तव में गैस और धूल के विशाल समूह होता है। इनमें पदार्थ धीरे-धीरे संघनित होता है जिसे हम तारकीय कोर या शिशु तारा कहते हैं।
यह सब एक नवजात तारों डिस्क से घिरा होता है। डिस्क तारों की निर्माण प्रक्रिया में जरूरी किरदार निभाती है और जरूरी चुंबकीय गतिविधि का स्थल भी है। क्यूशू यूनिवर्सिटी के विज्ञान संकाय के जानकार और शोध के प्रमुख लेखक काज़ुकी टोकुडा ने इसमें शामिल चुंबकीय गतिशीलता को समझाया।
टोकुडा का बोलना है कि ये संरचनाएं अपने साथ लगातार चुंबकीय प्रवाह लेकर चलती हैं। इन सभी चुंबकीय प्रवाह को बनाए रखने से कई गुना अधिक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा। जैसे ही तारे का कोर सामग्री को अवशोषित करता है, चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो जाता है। लगभग 450 प्रकाश-वर्ष दूर एक तारकीय नर्सरी एमसी 27 पर ध्यान केंद्रित करते हुए, टीम ने डेटा एकत्र किया जिसमें नवजात तारों की डिस्क से निकलने वाली अप्रत्याशित “स्पाइक-जैसी” संरचनाएं सामने आईं।
इन स्पाइक जैसी संरचनाओं ने नवजात तारों की डिस्क से काफी दूर तक विस्तार किया। पता चला कि ये निष्कासित चुंबकीय प्रवाह, धूल और गैस के स्पाइक्स थे। इसमें चुंबकीय क्षेत्र में भिन्नताएं नवजात तारों की डिस्क में भिन्न-भिन्न घनत्वों के साथ अंतरक्रिया करती हैं, जिससे चुंबकीय प्रवाह को जबरन बाहर निकाल दिया जाता है। शोधकर्ताओं ने इसकी तुलना छींक से की, जहां कण तेजी से निकलते हैं। ये “छींकें” बेबी स्टार के निर्माण के दौरान बार बार होने वाली घटना हैं। इससे यह समझने में सहायता मिलती है कि शिशु तारे और ग्रह कैसे बनते हैं।