इन दो देशों ने आतंकवाद रोधी सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर की चर्चा
नई दिल्ली. हिंदुस्तान और फ्रांस ने सोमवार को आतंकवाद रोधी योगदान को मजबूत करने और विशेष रूप से आतंकियों द्वारा नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए नियमों पर चर्चा की. दिल्ली में आतंकवाद रोधी भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह की 16वीं बैठक में यह मामला उठा. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने आतंकवाद रोधी चुनौतियों का आकलन किया, जिसमें आतंकियों के नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग, आतंकी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग, कट्टरपंथ तथा आतंकवादी वित्तपोषण शामिल है.’’
इसने बोला कि दोनों पक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकी खतरों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें दक्षिण एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में गवर्नमेंट प्रायोजित तथा सीमा पार आतंकवाद के अतिरिक्त अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां भी शामिल हैं. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत विरोधी अलगाववादी गतिविधियां और आतंक के वित्तपोषण, संगठित क्राइम और नशीला पदार्थ-आतंकवादी नेटवर्क का मुकाबला भी चर्चा में शामिल रहा.’’ इसमें बोला गया कि भारतीय पक्ष ने एनएमएफटी (आतंकवाद के लिए कोई पैसा नहीं) और एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने सूचना के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अभ्यासों और संयुक्त राष्ट्र, एफएटीएफ तथा एनएमएफटी जैसे बहुपक्षीय मंचों पर योगदान के माध्यम से आतंकवाद रोधी योगदान को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया.’’ बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव के।डी। देवल ने किया. फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आतंकवाद और संगठित क्राइम मामलों के विशेष दूत ओलिवियर कैरन ने किया.