दिल्ली शराब घोटाला मामले में तेलंगाना सीएम  केसीआर की बेटी कविता से पूछताछ मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

दिल्ली शराब घोटाला मामले में तेलंगाना सीएम  केसीआर की बेटी कविता से पूछताछ मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख

दिल्ली शराब घोटाला मुद्दे (delhi liquor case) में तेलंगाना मुख्यमंत्री  केसीआर की बेटी कविता से पूछताछ मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. 16 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश न होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कविता को 20 मार्च की नयी तारीख दी थी. लेकिन, कविता समन को चुनौती देते हुए मुद्दे में उच्चतम न्यायालय का रुख कर चुकी है. इस मसले पर उच्चतम न्यायालय 24 मार्च को सुनवाई के राजी भी हो गई है. इस प्रकरण पर अब प्रवर्तन निदेशालय ने उच्चतम न्यायालय में कैविएट पंजीकृत कर निवेदन किया है कि जांच जरूरी दिशा में आगे बढ़ रही है. इसलिए कविता द्वारा पंजीकृत याचिका पर उनकी दलीलें भी सुनी जाएं.

तेलंगाना मुख्यमंत्री और बीआरएस नेता कविता दिल्ली शराब घोटाला मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय से पूछताछ और गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख कर चुकी है. प्रवर्तन निदेशालय ने कविता को 20 मार्च को पेश होने की तारीख दी है. उधर, मुद्दे में कविता की याचिका उच्चतम न्यायालय में 24 मार्च के लिए सूचीबद्ध है. कविता ने प्रवर्तन निदेशालय को लिखे एक पत्र में बोला कि एजेंसी को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उनकी याचिका के नतीजे का इन्तजार करना चाहिए. 

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब घोटाला मुद्दे में कविता से सबसे पहले 11 मार्च को पूछताछ की थी और 16 मार्च को दोबारा पेश होने को बोला था. लेकिन, कविता उपरस्थित नहीं हुईं. कविता ने अब प्रवर्तन निदेशालय से बोला है, “मैं विनम्रतापूर्वक आपसे प्रार्थना करता हूं कि सर्वोच्च कोर्ट के समक्ष कार्यवाही चल रही है, समन के संबंध में किसी भी आगे की कार्यवाही से पहले उसके रिज़ल्ट का इन्तजार किया जाना चाहिए.प्रवर्तन निदेशालय को भेजे गए पत्र में उन्होंने लिखा, “मैं एक बार फिर आपसे निवेदन करती हूं कि आप कृपया माननीय सर्वोच्च कोर्ट के उचित आदेश या निर्देश की प्रतीक्षा में कार्यवाही को टाल दें.

कविता की दलीलें
कविता ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर प्रश्न उठाए कि पूछताछ के दौरान उनका टेलीफोन बरामद किया गया. उन्होंने एजेंसी को यह भी लिखा कि, एक स्त्री होने के नाते, उन्हें पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय नहीं बुलाया जाना चाहिए, लेकिन यह पूछताछ वीडियो लिंक के जरिए आयोजित की जानी चाहिए या जांचकर्ता उसी के लिए उसके आवास पर जा सकते हैं.