उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल , ऑपरेशन के लिए 3 महीने का इंतजार

उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल , ऑपरेशन के लिए 3 महीने का इंतजार

 उत्तराखंड के हल्द्वानी में कुमाऊं का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है दरअसल सुशीला तिवारी हॉस्पिटल (Sushila Tiwari Hospital Haldwani) में हर रोज करीब 2000 रोगी दूरदराज से उपचार के लिए पहुंचते हैं इस दौरान हॉस्पिटल के सभी जरूरी विभागों में पहाड़ से आए रोगियों की भीड़ देखने को मिल रही है वहीं, ऑपरेशन के लिए हॉस्पिटल में लंबी वेटिंग की स्थिति है बता दें कि रोगियों को ऑपरेशन के लिए तीन महीने तक का इन्तजार करना पड़ रहा है

कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल एसटीएच के सभी जरूरी विभागों में ऑपरेशन के लिए लंबी वेटिंग है सबसे अधिक परेशानी ईएनटी, हड्डी और यूरोलॉजी विभाग के रोगियों को झेलनी पड़ रही है एसटीएच में हर रोज औसतन 1500 से 2000 रोगी ओपीडी में परामर्श के लिए पहुंचते हैं ओपीडी में मेडिसिन विभाग के बाद सबसे अधिक रोगियों की भीड़ नाक, कान, गला रोग विभाग में रहती है इस विभाग में रोगी का ऑपरेशन होना है, तो उसे तीन माह बाद की डेट मिल रही है मंडल भर के रोगियों के दबाव और सुविधाओं की कमी के चलते यह स्थिति पैदा हो रही है

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अरुण जोशी का बोलना है कि सर्जिकल वार्ड में ऐसा होता है कि वार्ड में रोगियों की संख्या काफी अधिक है हॉस्पिटल में ऐसे रोगी आ रहे हैं, जिनकी सर्जरी होनी आवश्यक है, लेकिन जो भी इमरजेंसी मुकदमा आते हैं उनका हम तुरंत ही ऑपरेशन कर देते हैं या अगले दिन की डेट दे देते हैं एसटीएच में गंभीर रोगियों का अहमियत से उपचार किया जाता है

डॉ जोशी ने आगे बोला किजिन रोगियों के ऑपरेशन कुछ समय बाद किए जा सकते हैं, उन्हें आगे की तिथि दी जाती है निर्धारित समय पर उनका ऑपरेशन किया जाता है ऑर्थो और ईएनटी की सर्जरी में लंबी डेट दी जा रही है, क्योंकि डॉक्टरों को ओपीडी भी देखनी होती है हर डिपार्टमेंट के पास ओपीडी के साथ-साथ सर्जरी की भी जिम्मेदारी होती है हफ्ते में दो से तीन दिन सर्जरी की जाती है, लेकिन चिकित्सक द्वारा प्रयास की जाती है कि अधिक से अधिक सर्जरी हो, जिससे कि लोगों को राहत मिल सके उन्होंने बताया कि न्यूरो विभाग में भी बड़ी संख्या में लोग सर्जरी के लिए आते हैं लेकिन हफ्ते में सिर्फ एक दिन सर्जरी की जाती है